फायरब्रिगेड-एंबुलैंस को रास्ता न देने पर अब लगेगी पैनेल्टी, पढ़िए किसने बनाया कानून
मोटर व्हीकल विधेयक (संशोधन) 2016 को सोमवार लोकसभा ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। पारित विधेयक में जहां शराब पीकर वाहन चलाने तथा अन्य यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने और सडक़ दुर्घटनाओं में मौत होने या घायल होने की स्थिति में क्रमश: दस लाख और पांच लाख रुपए की मुआवजा राशि के प्रावधान रखे गए हैं, वहीं एक खास प्रावधान के तहत एंबुलैंस व फायर ब्रिगेड का रास्ता रोकने वालों को 10 हजार रुपए की पैनेल्टी लगाने का प्रावधान भी तय हुआ है। विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग और सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह विधेयक देश में परिवहन सेवाओं को सुरक्षित, उन्नत, पर्यावरण अनुकूल और सुगम बनाने के इरादे से लाया गया है। इसमें संसद की स्थायी समिति और 18 राज्यों की ओर से मिले कई अहम सुझावों को समाहित किया गया है। विधेयक के माध्यम से पूरे देश में मोटर लाइसेंस और पंजीकरण प्रणाली को भी सख्त बनाते हुए इसके लिए इलेक्ट्रानिक रजिस्टर बनाकर ई-गर्वनेंस के जरिए इस पर निगरानी रखने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा मोटर वाहन लाइसेंस को आधार के साथ जोडऩे का प्रावधान भी किया गया है। गडकरी ने विधेयक का मुख्य उद्देश्य सडक़ सुरक्षा, यात्रियों की सुविधा, सार्वजनिक और ग्रामीण परिवहन को बढ़ावा देने तथा देश में परिवहन में सुधार के साथ-साथ यातायात नियमों के उल्लंघन के मामलों से सख्ती से निबटने की व्यवस्था करना बताया। खासकर शराब पीकर गाड़ी चलाना, तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने जैसे मामलों पर विशेष कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। किशोरों द्वारा किए जाने वाले अपराधों के लिए अभिभावक अथवा वाहन मालिक को दोषी माना जाएगा और उन्हें 25 हजार रुपये का जुर्माना तथा 3 वर्ष का कारावास हो सकता है। किशोर अपराधों के लिए ‘जूवेनाइल जस्टिस एक्ट‘ के तहत मुकदमा चलाने तथा मोटर वाहन का पंजीकरण रद्द करने का प्रावधान है। गडकरी के जवाब के बाद सदन ने विपक्षी सदस्यों के एक संशेाधन को मत विभाजन के जरिए तथा कुछ अन्य को ध्वनिमत से नामंजूर कर दिया और विधेयक को मंजूरी दे दी। यह विधेयक 9 अगस्त 2016 को लोक सभा में पेश किया गया था और उसके बाद इसे संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया गया था । परिवहन मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने समित की और से सुझाए गए कई संशोधन में से अधिकतर को स्वीकार कर विधेयक में समाहित कर लिया। परिवहन मंत्री ने कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा सडक़ हादसों में मौत पर मुआवजा राशि दस लाख से बढ़ाकर 20 लाख करने तथा घायलों के लिए निर्धारित पांच लाख को बढ़ाने की मांग तथा थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को लेकर उठाई गई शंकाओं पर कहा कि पहले ही यह राशि काफी बढ़ा दी गई है यदि इसे और बढ़ाया गया तो इससे प्रीमियम राशि का बोझ बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि वैसे भी मुआवजा की राशि की कोई सीमा नहीं तय की गई है ऐसे किसी भी वादे के निबटान का मामला ट्राइब्यूनल में ले जाया जा सकता है। जहंा तक थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का मामला है तो बीमा राशि का पूरा भुगतान करने की जिम्मेदारी बीमा कंपनी पर डाली गई है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इसमें सडक़ दुर्घटनाओं में मदद के लिए‘मोटर वाहन दुर्घटना कोषुके गठन की व्यवस्था भी की गई है। यह कोष सडक़ का प्रयोग करने वाले सभी व्यक्तियों को अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करेगा। कोष का प्रबंधन केंद्र सरकार द्वारा निॢदष्ट अथॉरिटी करेगी। गोल्डन ऑवर के दौरान सडक़ दुर्घटना के शिकार लोगों का कैश-लेश उपचार करने हेतु केंद्र सरकार द्वारा एक योजना विकसित की जाएगी।